इंसान जिंदगी बीती हुई यादों और बुने हुए सपनों में जीता है वर्तमान तो बस चलता जाता है कभी यादों के सहारे तो कभी सपनों के सहारे इसलिए जिंदगी मैं यादें और सपने जरूर होना चाहिए (आदेश राजपूत)
Tuesday, 22 January 2019
Sunday, 20 January 2019
खतरे में अपने और अपनों के सपने और शोषण का शिकार
अगर आप rss में हो तो अपनों के और अपने सपने के लिए नही जी रहे हो बल्कि use किए जा रहे हो जो इंसान अपने सपने के लिए नही जी रहे होते हैं वो हमेशा एक विशेष कार्यसूची के तहत एक विशेष ग्रुप के लोगों के अनुक्रम में सबसे ऊपर के लोगों के द्वारा शोषण का शिकार होते है एक विशेष विचार धारा के द्वारा ,विचार धारा ही वह पद्द्ति जो इन लोगो को अपने लिए नही विचार धारा के लिए खड़े रहने के लिए मजबूर करती है और यह एक शोषण का ही रूप है इससे इंसान चेतना शून्य हो कर विचार धारा की आड़ में शोषण का शिकार होता है
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