Friday, 18 June 2021

मिलखा सिंह

मिलखा सिंह (जन्म: २० नवंबर १९२९ - मृत्यु: १८ जून २०२१) का जन्म गोविन्दपुर (जो अब पाकिस्तान का हिस्सा हैं) २० नवंबर १९२९ को एक सिख राठौर (राजपूत) परिवार में हुआ था।[1] मिलखा सिंह ने 18 जून, 2021 को आखिरी सांस चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर अस्पताल में अंतिम सांस ली वे एक सिख धावक थे,[2] जिन्होंने रोम के १९६० ग्रीष्म ओलंपिक और टोक्यो के १९६४ ग्रीष्म ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। उन्हें "उड़न सिख" उपनाम दिया गया था। वे भारत के सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ एथलीट्स में से एक थे।

Milkha Singh

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बचपनसंपादित करें

भारत के विभाजन के बाद की अफ़रा तफ़री में मिलखा सिंह ने अपने माँ बाप को खो दिया। अंततः वे शरणार्थी बन के ट्रेन द्वारा पाकिस्तान से भारत आए।

ऐसे भयानक बचपन के बाद उन्होंने अपने जीवन में कुछ कर गुज़रने की ठानी। एक होनहार धावक के तौर पर ख्याति प्राप्त करने के बाद उन्होंने २००मी और ४००मी की दौड़े सफलतापूर्वक की और इस प्रकार भारत के अब तक के सफलतम धावक बने। कुछ समय के लिए वे ४००मी के विश्व कीर्तिमान धारक भी रहे।

कार्डिफ़, वेल्स, संयुक्त साम्राज्य में १९५८ के कॉमनवेल्थ खेलों में स्वर्ण जीतने के बाद सिख होने की वजह से लंबे बालों के साथ पदक स्वीकारने पर पूरा खेल विश्व उन्हें जानने लगा।

इसी समय पर उन्हें पाकिस्तान में दौड़ने का न्यौता मिला, लेकिन बचपन की घटनाओं की वजह से वे वहाँ जाने से हिचक रहे थे। लेकिन न जाने पर राजनैतिक उथल पुथल के डर से उन्हें जाने को कहा गया। उन्होंने दौड़ने का न्यौता स्वीकार लिया।

दौड़ में मिलखा सिंह ने सरलता से अपने प्रतिद्वन्द्वियों को ध्वस्त कर दिया और आसानी से जीत गए। अधिकांशतः मुस्लिम दर्शक इतने प्रभावित हुए कि पूरी तरह बुर्कानशीन औरतों ने भी इस महान धावक को गुज़रते देखने के लिए अपने नक़ाब उतार लिए थे, तभी से उन्हें फ़्लाइंग सिख की उपाधि मिली।

मिलखा सिंह ने बाद में खेल से सन्यास ले लिया और भारत सरकार के साथ खेलकूद के प्रोत्साहन के लिए काम करना शुरू किया। अब वे चंडीगढ़ में रहते हैं।

जाने-माने फिल्म निर्माता, निर्देशक और लेखक राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने वर्ष 2013 में इनपर भाग मिल्खा भाग नामक फिल्म बनायी। ये फिल्म बहुत चर्चित रही।

फ्लाईंग सिख के उपनाम से चर्चित मिलखा सिंह देश में होने वाले विविध तरह के खेल आयोजनों में शिरकत करते हैं। हैदराबाद में 30 नवंबर,2014 को हुए 10 किलोमीटर के जियो मैराथन-2014 को उन्होंने झंड़ा दिखाकर रवाना किया।

दिनांक 18.06.2021को चंडीगढ़ के एक हॉस्पिटल में रात 23:15 बजे के तकरीबन कोरोना से उनकी मौत हो गई।

खेल कूद रिकॉर्ड, पुरस्कारसंपादित करें

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