कैलाश नाथ काटजू | |
| पूरा नाम | डॉ. कैलाश नाथ काटजू |
| जन्म | 17 जून, 1887 |
| जन्म भूमि | जओरा, मालवा, मध्य प्रदेश |
| मृत्यु | 17 फ़रवरी, 1968 |
| अभिभावक | पंडित त्रिभुवननाथ काटजू |
| संतान | तीन पुत्र और दो पुत्रियाँ |
| नागरिकता | भारतीय |
| प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
| पार्टी | कांग्रेस |
| पद | भूतपूर्व मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश |
| कार्य काल | 31 जनवरी, 1957 से मार्च, 1962 तक |
| विशेष योगदान | भारत के स्वाधीनता संग्राम में भी इन्होंने योगदान दिया था। |
| अन्य जानकारी | सन 1914 में कैलाश नाथ काटजू हाईकोर्ट बार के सदस्य बने थे। 1935 से 1937 तक वे 'इलाहाबाद म्युनिसिपल कौंसिल' के चेयरमेन भी रहे। |
कैलाश नाथ काटजू (अंग्रेज़ी: Kailash Nath Katju ; जन्म- 17 जून, 1887, मालवा, मध्य प्रदेश; मृत्यु- 17 फ़रवरी, 1968) मध्य प्रदेश राज्य के भूतपूर्व मुख्यमंत्री थे। इन्होंने जनवरी, 1957 से मार्च, 1962 तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद को सुशोभित किया था। कैलाश नाथ काटजू बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। इन्होंने कई पुस्तकों की रचना भी की थी। भारत के स्वाधीनता संग्राम में भी इनका विशेष योगदान था
कैलाश नाथ काटजू का जन्म 17 जून, 1887 को मध्य प्रदेश के मालवा में एक छोटी-सी रियासत 'जओरा' में हुआ था। ये कश्मीरी ब्राह्मण परिवार से सम्बन्ध रखते थे। इनके पिता का नाम पंडित त्रिभुवननाथ काटजू था।
शिक्षा
कैलाश नाथ काटजू की प्रारम्भिक शिक्षा इनकी ननिहाल लाहौर में हुई थी। फिर लाहौर से ही बी.ए. की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद ये क़ानून की शिक्षा प्राप्त करने के लिए इलाहाबाद आ गए। इलाहाबाद में प्रसिद्ध क़ानूनविद सर तेज बहादुर सप्रू की देख-रेख में इन्होंने क़ानून की शिक्षा प्राप्त की और कुछ समय तक कानपुर में वकालत करते रहे। इसके बाद ये इलाहाबाद हाईकोर्ट में आ गए और यहाँ वकालत करते हुए वर्ष 1919 में क़ानून में एल.एल.डी. की डिग्री लेकर डॉ. काटजू बन गए। इन्हें डी. लिट् की उपाधि भी मिली थी। विवाह के बाद ये तीन पुत्र और दो पुत्रियों के पिता बने थे

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