Wednesday, 2 October 2019

मैं जिंदा हूँ

मैं जिंदा क्यों हू
मैं जन्मा था मैं युवा हुआ मैंने संघर्ष किया और मारा गया इसीलिए मैं जिंदा हूँ संघर्ष किया विचारों से संघर्ष किया प्रयोगों से संघर्ष किया मानव से संघर्ष किया मानवों के लिए इसीलिए में जिंदा हूँ मैं नही हूँ मैं संघर्ष कर रहा हूँ (आरएसएस) से इसलिये तो मैं जिंदा हूँ मैं जिंदा हूँ संघर्षों से मैं जिंदा हूँ शब्दों से आज भी में जिंदा हूँ  पढ़ो समझो और अमर हो जाओ अमर ज्वाला से नही अमर शब्दों और  विचारों से होते हैं
मैं गांधी हूँ

Thursday, 19 September 2019

कुपोषण से लड़ाई

कुपोषण से लड़ाई :-हमारा देश कुपोषण युक्त है और सरकारें इसको लेकर बहुत कुछ करती हैं लेकिन जो पोषण सरकारों द्वारा दिया जाता है वो आम गरीब तक नही पहुँच पाता है इसको दूर करने के लिए सरकारों को गरीब तबके तक जिनमें विशेष रूप से sc, st वर्ग है तक दूध की पहुच को उपलब्ध कराना चाहिए इसके लिए स्वेत क्रांति 2 की घोषणा की जा सकती है क्योंकि आज भी sc, st तबके के पास दूध की उपलब्धता नही है जिसके कारण वो लोग कुपोषण का अधिक शिकार होतें है दूध एक ऐसा पोषण है जो सम्पूर्ण आहार को जन्म देता है जब हमारे दूध होता है तो वो उसको पोषण के लिए कई तरीके से उपयोग कर सकते हैं इसमे सबसे बड़ी बाधा है गरीब तबके के पास जमीन न होना जिससे उनके पास जानवरों के लिए चारा उपलब्ध होना मुश्किल हो जाता है और रख रखाव की व्यवस्था नही हो पाती है जिससे sc,st वर्ग की दूध तक पहुच नही हो पाती है स्वेत क्रांति 2 करने की एक अच्छी बात ये होगी की हर घर मे गृहणी होती है जो जानवरों की सेवा करने और बच्चों के लिए दूध उपलब्ध कराने में उनकी अहिम भूमिका रह सकती है स्वेत क्रांति 2 कई अन्य समस्याओं को दूर कर सकती है कुपोषण ,बीमारी ,खेल में उनके योगदान को पुलिस ,मिलिट्री में इनके योगदान को बढ़ाबा दे सकती है खेती बाड़ी में भी इनकी दिलचस्पी को बढ़ाबा देगा जिससे शिक्षा ,स्वास्थ में भी मजबूती ला सकता है ये समाज मे क्रांति ला सकता है पंजाब ,हरियाणा जैसे प्रान्तों में दूध ने ये सब समाज मे कर दिया है जय हिन्द लेखक आदेश राजपूत ये लेख कोई उच्च अधिकारी या संवेदन शील मंत्रियों तक पहुंचा सके तो आपकी आती कृपा होगी ।।।।

Tuesday, 22 January 2019

जिंदगी के पल

इंसान जिंदगी बीती हुई यादों और बुने हुए सपनों में जीता है वर्तमान तो बस चलता जाता है कभी यादों के सहारे तो कभी सपनों के सहारे इसलिए जिंदगी मैं यादें और सपने जरूर होना चाहिए (आदेश राजपूत)

Sunday, 20 January 2019

खतरे में अपने और अपनों के सपने और शोषण का शिकार

अगर आप rss में हो तो अपनों के और अपने सपने के लिए नही जी रहे हो बल्कि use किए जा रहे हो जो इंसान अपने सपने के लिए नही जी रहे होते हैं वो हमेशा एक विशेष कार्यसूची के तहत एक विशेष ग्रुप के लोगों के अनुक्रम में सबसे ऊपर के लोगों के द्वारा शोषण का शिकार होते है एक विशेष विचार धारा के द्वारा ,विचार धारा ही वह पद्द्ति जो इन लोगो को अपने लिए नही विचार धारा के लिए खड़े रहने के लिए मजबूर करती है और यह एक शोषण का ही रूप है इससे इंसान चेतना शून्य हो कर विचार धारा की आड़ में शोषण का शिकार होता है