Monday, 16 January 2017

Unemployment

लोकतंत्र का क्या केवल एक ही पहलू है राजनैतिक लोकतंत्र क्या आर्थिक लोकतंत्र नाम कि कोई चीज होती ही नही है इस बात को बोलकर केवल लोकतंत्र का मजाक ही उड़ाया जा सकता  पण्डित दीन दयाल उपध्याय जी के शब्दों में जिस  प्रकार प्रत्येक को वोट राजनैतिक लोकतंत्र का अर्थ है उसी प्रकार प्रत्येक को काम आर्थिक लोकतंत्र का मापदण्ड है फिर भी आर्थिक असमानता और भुकमरी जैसी समस्या हमारे देश में चरम पर है लोहिया जी का वाक्य -जब सड़के सुनसान हो जाती है तो संसद आवारा हो जाती है वाक्य इस समय एकदम सही है। (कोई देश परफैक्ट नही होता हमे उसे परफैक्ट बनाना पड़ता है)

Sunday, 15 January 2017

Imaginary power

नेपोलियन -कल्पनाये विश्व पर शासन करती हैं।।
----जब मनुष्य अपनी भावनाओ से प्रेरित होकर काम करता है तो उसके जुनून की एक सीमा होती है, परन्तु जब वह कल्पना से प्रेरित होकर काम करता है तो उसके जुनून की कोई सीमा नही होती।।। और यह कथन राष्ट्रीय चेतना के लिए कहा जाए तो सुभासचन्द्र बॉस  जैसे लाखों बीरो की गाथाए हमारे सामने है।।।।जय हिन्द।।
किसी ने सच ही कहा है कि कल्पना कर पाना ही सब कुछ, कल्पना न कर पाना जीवन का अंत।।

independent thinking

   बोल के लव आजाद हैं तेरे , बोल जबा अब तक तेरी है ।।।।।                    
आज मनुष्य स्वतंत्र होने में डरता है क्योंकि स्वतंत्र मनुष्य की कुछ जिम्मेदारी होती है और जो इन जिम्मेदारी को नही निभाना चाहिता बो अपनी स्वतंत्रता का सौदा करता है और अपना दायित्व वह दुसरो के हाथो में बेच कर अपनी दुनिया में निश्चित हो जाता है और इस प्रकार एक स्वतंत्र व्यक्ति भी गुलाम हो जाता है जो लोग आज जॉब से अपना जीवन सेव समझ रहे है बो अपनी रचनात्मक प्रतिभा को खो रहे है जय हिन्द।।।।।

Saturday, 14 January 2017

political views

हमे भारत को महान से महानतम और उच्च से सर्वोच्च की ओर ले जाना है ##                   नेतत्व की समीक्षा -इतिहास एक ऐसा विषय है जिसकी समीक्षा हमे एक न्यू इतिहास बनाने में सहायक होती है और इसका उपयोग राजनेता समाज को आंदोलित और समाज के लोगो में रक्त के प्रवाह को दोगुना करने में सहायक होता है बस नेतत्व को चाहिए की इतिहास की ऐसी व्याख़्या की जाए जो समाज को अपने गौरव पूर्ण अतीत की याद दिलाए और गौरवान्वित करने का श्रेय ले जाए और परिवर्तन की ओर कदम बढ़ाए  और समाज परिवर्तन की दिशा को अपनाता है और नेतत्व इतिहास का परिचायक होता है ##adesh rajpoot स्वतन्त्र चिंतक ##